श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 54: विश्वामित्र का वसिष्ठजी की गौ को बलपूर्वक ले जाना, गौ का दुःखी होकर वसिष्ठजी से इसका कारण पूछना, विश्वामित्रजी की सेना का संहार करना  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  1.54.17 
 
 
इत्युक्तस्तु तया राम वसिष्ठस्तु महायशा:।
सृजस्वेति तदोवाच बलं परबलार्दनम्॥ १७॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम! कामधेनु के यह कहने पर महान यशस्वी वसिष्ठ ने कहा - "इस शत्रु सेना का नाश करने वाले सैनिकों की रचना करें।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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