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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 45: देवताओं और दैत्यों द्वारा क्षीर-समुद्र मन्थन, भगवान् रुद्र द्वारा हालाहल विष का पान, देवासुर-संग्राम में दैत्यों का संहार
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श्लोक 40
श्लोक
1.45.40
अथ तस्य कृते राम महानासीत् कुलक्षय:।
अदितेस्तु तत: पुत्रा दितिपुत्रानयोधयन्॥ ४०॥
अनुवाद
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श्री राम! अमृत के लिए देवताओं और राक्षसों के कुल में भयंकर विनाश हुआ। इसके पश्चात अदिति के पुत्रों ने दिति के पुत्रों से युद्ध किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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