श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 41: सगर की आज्ञा से अंशुमान् का रसातल में जाकर घोड़े को ले आना और अपने चाचाओं के निधन का समाचार सुनाना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  1.41.24 
 
 
तच्छ्रुत्वा घोरसंकाशं वाक्यमंशुमतो नृप:।
यज्ञं निर्वर्तयामास यथाकल्पं यथाविधि॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  राजा सगर ने अंशुमान के मुख से वह भयावह समाचार सुना, तो उन्होंने कल्पोक्त नियम के अनुसार अपने यज्ञ को पूर्ण विधि-विधान से संपन्न किया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.