श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 39: इन्द्र के द्वारा राजा सगर के यज्ञ सम्बन्धी अश्व का अपहरण, सगरपुत्रों द्वारा सारी पृथ्वी का भेदन  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  1.39.26 
 
 
अयं यज्ञहरोऽस्माकमनेनाश्वोऽपनीयते।
इति ते सर्वभूतानि हिंसन्ति सगरात्मजा:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  अरे यह मेरा यज्ञ में विघ्न डालने वाला है। इसके द्वारा हमारे अश्व की चोरी कराकर ले जाया जा रहा है, इस प्रकार ये सगर के पुत्र समस्त प्राणियों की हिंसा में लिप्त हैं।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे एकोनचत्वारिंश: सर्ग:॥ ३९॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें उनतालीसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ३९॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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