अयं यज्ञहरोऽस्माकमनेनाश्वोऽपनीयते।
इति ते सर्वभूतानि हिंसन्ति सगरात्मजा:॥ २६॥
अनुवाद
अरे यह मेरा यज्ञ में विघ्न डालने वाला है। इसके द्वारा हमारे अश्व की चोरी कराकर ले जाया जा रहा है, इस प्रकार ये सगर के पुत्र समस्त प्राणियों की हिंसा में लिप्त हैं।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये बालकाण्डे एकोनचत्वारिंश: सर्ग:॥ ३९॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके बालकाण्डमें उनतालीसवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ ३९॥