श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 37: गंगा से कार्तिकेय की उत्पत्ति का प्रसंग  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  1.37.25 
 
 
ततस्तु देवता: सर्वा: कार्तिकेय इति ब्रुवन्।
पुत्रस्त्रैलोक्यविख्यातो भविष्यति न संशय:॥ २५॥
 
 
अनुवाद
 
  उस समय समस्त देवता बोले, "यह बालक कार्तिकेय नाम से जाना जाएगा और वह तुम्हारा त्रिभुवनविख्यात पुत्र होगा - इसमें कोई संदेह नहीं है।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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