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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 34: गाधि की उत्पत्ति, कौशिकी की प्रशंसा
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श्लोक 11
श्लोक
1.34.11
सा तु सत्यवती पुण्या सत्ये धर्मे प्रतिष्ठिता।
पतिव्रता महाभागा कौशिकी सरितां वरा॥ ११॥
अनुवाद
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सत्यवती अत्यंत पुण्यात्मिका थीं और वे सत्य और धर्म में प्रतिष्ठित थीं। पतिव्रता और महाभागा सत्यवती कौशिकी सरितां में श्रेष्ठ हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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