श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 31: श्रीराम, लक्ष्मण तथा ऋषियों सहित विश्वामित्र का मिथिला को प्रस्थान तथा मार्ग में संध्या के समय शोणभद्र तट पर विश्राम  »  श्लोक 22-23h
 
 
श्लोक  1.31.22-23h 
 
 
अथ रामो महातेजा विश्वामित्रं तपोधनम्॥ २२॥
पप्रच्छ मुनिशार्दूलं कौतूहलसमन्वितम्।
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात् चिरंजीवी और महातेजस्वी श्रीराम ने मुनि श्रेष्ठ और तपस्या में निपुण विश्वामित्र से जिज्ञासावश पूछा-।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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