श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 24: श्रीराम और लक्ष्मण का गंगापार होते समय तुमुलध्वनि के विषय में प्रश्न, मलद, करूष एवं ताटका वन का परिचय  »  श्लोक 9-10h
 
 
श्लोक  1.24.9-10h 
 
 
तस्मात् सुस्राव सरस: सायोध्यामुपगूहते॥ ९॥
सर:प्रवृत्ता सरयू: पुण्या ब्रह्मसरश्च्युता।
 
 
अनुवाद
 
  अयोध्यापुरी के पास एक सरोवर है, जिससे एक नदी निकलती है। ब्रह्मसर से निकलने के कारण वह पवित्र नदी सरयू के नाम से विख्यात है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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