श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 24: श्रीराम और लक्ष्मण का गंगापार होते समय तुमुलध्वनि के विषय में प्रश्न, मलद, करूष एवं ताटका वन का परिचय  »  श्लोक 24-25h
 
 
श्लोक  1.24.24-25h 
 
 
एतौ जनपदौ स्फीतौ दीर्घकालमरिंदम॥ २४॥
मलदाश्च करूषाश्च मुदिता धनधान्यत:।
 
 
अनुवाद
 
  शत्रु विजेता! मलद और करूष ये दो राज्य लंबे समय से समृद्ध और धन-धान्य से परिपूर्ण हैं। इनमें सुख-शांति है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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