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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 2: तमसा तट पर क्रौंचवध की घटना से शोक संतप्त वाल्मीकि को ब्रह्मा द्वारा रामचरित्रमय काव्य लेखन का आदेश देना
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श्लोक 3
श्लोक
1.2.3
स मुहूर्तं गते तस्मिन् देवलोकं मुनिस्तदा।
जगाम तमसातीरं जाह्नव्यास्त्वविदूरत:॥ ३॥
अनुवाद
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वह ऋषि देवलोक प्रस्थान करने के ठीक दो घड़ी बाद गंगा के नज़दीक तमसा नदी के तट पर पहुँचे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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