श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 19: विश्वामित्र के मुख से श्रीराम को साथ ले जाने की माँग सुनकर राजा दशरथ का दुःखित एवं मूर्च्छित होना  »  श्लोक 13-14h
 
 
श्लोक  1.19.13-14h 
 
 
न च पुत्रगतं स्नेहं कर्तुमर्हसि पार्थिव॥ १३॥
अहं ते प्रतिजानामि हतौ तौ विद्धि राक्षसौ।
 
 
अनुवाद
 
  ‘भूपाल! आप पुत्रविषयक स्नेहको सामने न लाइये। मैं आपसे प्रतिज्ञापूर्वक कहता हूँ कि उन दोनों राक्षसोंको इनके हाथसे मरा हुआ ही समझिये॥ १३ १/२॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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