वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 18: श्रीराम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के जन्म, संस्कार, शीलस्वभाव एवं सद्गुण, राजा के दरबार में विश्वामित्र का आगमन और उनका सत्कार
»
श्लोक 39-40h
श्लोक
1.18.39-40h
स राज्ञो दर्शनाकांक्षी द्वाराध्यक्षानुवाच ह॥ ३९॥
शीघ्रमाख्यात मां प्राप्तं कौशिकं गाधिन: सुतम्।
अनुवाद
play_arrowpause
वे राजा से मिलना चाहते थे। उन्होंने द्वारपालों से कहा — "तुमलोग तुरंत जाकर महाराज से कहो कि कुशिकवंशी गाधि के पुत्र विश्वामित्र आये हैं"।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.