श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना  »  श्लोक 26-27h
 
 
श्लोक  1.11.26-27h 
 
 
तत: स्वलंकृतं राजा नगरं प्रविवेश ह॥ २६॥
शङ्खदुन्दुभिनिर्ह्रादै: पुरस्कृत्वा द्विजर्षभम्।
 
 
अनुवाद
 
  तदोपरांत राजा दशरथ ने नगर प्रवेश के पहले शंख और दुन्दुभि जैसे संगीत वाद्ययंत्रों के मधुर ध्वनि से पूरे वातावरण को मंगलमय करवाया और ऋष्यशृंग नामक विद्वान ब्राह्मण को आगे रखकर अपने सजाए गए नगर में प्रवेश किया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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