श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  1.11.2 
 
 
इक्ष्वाकूणां कुले जातो भविष्यति सुधार्मिक:।
नाम्ना दशरथो राजा श्रीमान् सत्यप्रतिश्रव:॥ २॥
 
 
अनुवाद
 
  राजर्षि ने कहा था - इक्ष्वाकुवंश में आगे चलकर दशरथ नाम के एक परम धार्मिक और सत्यप्रतिज्ञा का पालन करने वाले राजा होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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