वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 11: राजा दशरथ का सपरिवार अंगराज के यहाँ जाकर वहाँ से शान्ता और ऋष्यश्रृंग को अपने घर ले आना
»
श्लोक 14-15h
श्लोक
1.11.14-15h
वनानि सरितश्चैव व्यतिक्रम्य शनै: शनै:॥ १४॥
अभिचक्राम तं देशं यत्र वै मुनिपुंगव:।
अनुवाद
play_arrowpause
वनों और नदियों को पार करके धीरे-धीरे उस देश में पहुँच गए जहाँ मुनिवर ऋष्यशृंग विराजमान थे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.