श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 0: श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण माहात्म्य  »  सर्ग 2: नारद सनत्कुमार-संवाद, सुदास या सोमदत्त नामक ब्राह्मण को राक्षसत्व की प्राप्ति तथा रामायण-कथा-श्रवण द्वारा उससे उद्धार  »  श्लोक 59-60h
 
 
श्लोक  0.2.59-60h 
 
 
तस्माद् ब्रह्मन् महाभाग सर्वशास्त्रार्थकोविद॥ ५९॥
कथाश्रवणमात्रेण पाह्यस्मात् पापकर्मण:।
 
 
अनुवाद
 
  हे महाभाग ब्राह्मण! तुम शास्त्रों के सार तत्व को जानते हो। तुम मुझे रामायण कथा सुनाकर इस पापकर्म से मेरी रक्षा करो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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