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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 0: श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण माहात्म्य
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सर्ग 2: नारद सनत्कुमार-संवाद, सुदास या सोमदत्त नामक ब्राह्मण को राक्षसत्व की प्राप्ति तथा रामायण-कथा-श्रवण द्वारा उससे उद्धार
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श्लोक 48-49h
श्लोक
0.2.48-49h
एतस्मिन्नन्तरे प्राप्त: कश्चिद् विप्रोऽतिधार्मिक:॥ ४८॥
कलिंगदेशसम्भूतो नाम्ना गर्ग इति स्मृत:।
अनुवाद
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इसी समय एक अति धार्मिक ब्राह्मण वहाँ आ पहुँचा। उसका जनम कलिंगदेश में था। लोगो में वह गर्ग नाम से विख्यात था॥ ४८ १/२ ॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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