श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 94: शल्यके द्वारा रणभूमिका दिग्दर्शन, कौरव-सेनाका पलायन और श्रीकृष्ण तथा अर्जुनका शिविरकी ओर गमन  »  श्लोक 19-20h
 
 
श्लोक  8.94.19-20h 
कुथा: पताकाम्बरभूषणानि
किरीटमाला मुकुटाश्च शुभ्रा:॥ १९॥
प्रकीर्णका विप्रकीर्णाश्च राजन्
प्रवालमुक्तातरलाश्च हारा:।
 
 
अनुवाद
हे राजन! हाथी की पीठ पर जो कम्बल और झूले बिछे हैं, ध्वजाएँ, वस्त्र, आभूषण, मालाएँ, चमकीले मुकुट, श्वेत पंखे, मूंगे और मोतियों के हार - ये सब इधर-उधर बिखरे पड़े हैं॥19 1/2॥
 
O King, the blankets and swings that are spread on the elephant's back, the flags, the clothes, the ornaments, the garlands, the bright crowns, the white fans, the necklaces of corals and pearls - all of these are scattered here and there.॥ 19 1/2॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.