श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 5: संजयका धृतराष्ट्रको कौरवपक्षके मारे गये प्रमुख वीरोंका परिचय देना  »  श्लोक 50-51h
 
 
श्लोक  8.5.50-51h 
सध्वजा: सायुधा: शूरा: सवर्माम्बरभूषणा:।
कालेन महता यत्ता: कुशलैर्ये च वर्धिता:॥ ५०॥
ते हता: समरे राजन् पार्थेनाक्लिष्टकर्मणा।
 
 
अनुवाद
राजन! जो कुशल पुरुष उसे बहुत समय तक पालते थे, जो वीर पुरुष युद्ध में सदैव सतर्क रहते थे, वे सब-के-सब अपनी ध्वजा, अस्त्र, कवच, वस्त्र और आभूषणों सहित युद्धस्थल में अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन के हाथों मारे गए॥50 1/2॥
 
Rajan! The skilled men who had nurtured him for a long time, who were brave men who were always alert in battle, all of them, along with their flag, weapons, armour, clothes and ornaments, were killed in the battle field by the hand of Arjuna, who performed great deeds without any effort. 50 1/2॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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