श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 32: दुर्योधनकी शल्यसे कर्णका सारथि बननेके लिये प्रार्थना और शल्यका इस विषयमें घोर विरोध करना, पुन: श्रीकृष्णके समान अपनी प्रशंसा सुनकर उसे स्वीकार कर लेना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  8.32.24 
अरुणेन यथा सार्धं तम: सूर्यो व्यपोहति।
तथा कर्णेन सहितो जहि पार्थं महाहवे॥ २४॥
 
 
अनुवाद
जिस प्रकार सूर्यदेव अरुण के साथ मिलकर अंधकार का नाश करते हैं, उसी प्रकार तुम भी कर्ण के साथ महायुद्ध में रहकर कुन्तीपुत्र अर्जुन का वध करो।
 
Just as the Sun along with Aruna destroys darkness, similarly you should stay along with Karna in the great war and kill Kunti's son Arjuna.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.