श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 32: दुर्योधनकी शल्यसे कर्णका सारथि बननेके लिये प्रार्थना और शल्यका इस विषयमें घोर विरोध करना, पुन: श्रीकृष्णके समान अपनी प्रशंसा सुनकर उसे स्वीकार कर लेना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  8.32.23 
भागोऽवशिष्ट: कर्णस्य तव चैव महाद्युते।
तं भागं सह कर्णेन युगपन्नाशयाद्य हि॥ २३॥
 
 
अनुवाद
हे पराक्रमी राजन! अब केवल कर्ण और आपका भाग ही शेष है। अतः आप कर्ण के साथ रहकर शत्रु सेना के उस भाग का मिलकर नाश करें।
 
O mighty king! Now only Karna's and your part is left. So you should stay with Karna and destroy that part of the enemy army together.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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