श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 32: दुर्योधनकी शल्यसे कर्णका सारथि बननेके लिये प्रार्थना और शल्यका इस विषयमें घोर विरोध करना, पुन: श्रीकृष्णके समान अपनी प्रशंसा सुनकर उसे स्वीकार कर लेना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  8.32.22 
कृष्णेन सहित: पार्थो धार्तराष्ट्रीं महाचमूम्।
अहन्यहनि मद्रेश द्रावयन् दृश्यते युधि॥ २२॥
 
 
अनुवाद
‘मद्रराज! श्रीकृष्ण सहित अर्जुन प्रतिदिन युद्धभूमि में हमारी विशाल सेना को भगाते हुए दिखाई देते हैं॥ 22॥
 
‘Madraraj! Arjuna along with Shri Krishna is seen chasing away our huge army every day on the battlefield.॥ 22॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.