श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 3: दुर्योधनके द्वारा सेनाको आश्वासन देना तथा सेनापति कर्णके युद्ध और वधका संक्षिप्त वृत्तान्त  »  श्लोक 16-17h
 
 
श्लोक  8.3.16-17h 
सर्व एव भवन्तश्च शक्ता: प्रत्येकशोऽपि वा।
पाण्डुपुत्रान् रणे हन्तुं ससैन्यान् किमु संहता:॥ १६॥
वीर्यवन्त: कृतास्त्राश्च द्रक्ष्यथाद्य परस्परम्।
 
 
अनुवाद
तुम सब योद्धा युद्धभूमि में पाण्डवों को उनकी सेना सहित मार डालने की शक्ति रखते हो। फिर जब तुम सब एक होकर युद्ध करोगे, तो क्या नहीं कर सकते? तुम सब शूरवीर और शस्त्रविद्या के ज्ञाता हो; अतः आज एक दूसरे को अपना पराक्रम दिखाओ।॥16 1/2॥
 
‘Each of you warriors has the power to kill the Pandavas along with their army on the battlefield. Then what cannot you do when you all unite and fight? You are valiant and knowledgeable in the art of weapons; therefore, today show your prowess to each other.’॥ 16 1/2॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.