श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 2: धृतराष्ट्र और संजयका संवाद  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  8.2.24 
संजय उवाच
तवापराधाद् यद् वृत्तं कौरवेयेषु मारिष।
तच्छ्रुत्वा मा व्यथां कार्षीर्दिष्टे न व्यथते बुध:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
संजय ने कहा, 'हे माननीय राजन! आपके दोष के कारण कौरवों के साथ जो कुछ हुआ, उसे सुनकर आप दुःखी न हों, क्योंकि विद्वान पुरुष प्रारब्धवश प्राप्त होने वाले दुःखों से दुःखी नहीं होते।'
 
Sanjaya said, 'O honourable king! Do not feel sad on hearing what happened to the Kauravas due to your fault, because learned men are not distressed by the sufferings which are received due to destiny.'
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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