श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 2: धृतराष्ट्र और संजयका संवाद  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  8.2.23 
एतत् सर्वं यथावृत्तं तथा गावल्गणे मम।
आचक्ष्व पाण्डवेयानां मामकानां च विक्रमम्॥ २३॥
 
 
अनुवाद
हे गवलगण! मेरे और पाण्डुपुत्रों के पराक्रम की सच्ची कथा मुझे सुनाओ।
 
O son of Gavalgana! Tell me the true story of the valour of my and Pandu's sons. 23.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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