|
|
|
श्लोक 8.18.10  |
ततोऽर्जुनं द्वादशभि: शरोत्तमै-
र्जनार्दनं षोडशभि: समार्पयत्।
स दण्डधारस्तुरगांस्त्रिभिस्त्रिभि-
स्ततो ननाद प्रजहास चासकृत्॥ १०॥ |
|
|
अनुवाद |
तब दण्डधारी ने अर्जुन पर बारह और भगवान श्रीकृष्ण पर सोलह उत्तम बाण छोड़े, फिर तीन-तीन बाणों से उनके घोड़ों को घायल कर दिया और बार-बार गर्जना और अट्टहास करने लगा॥10॥ |
|
Then the bearer of the danda shot twelve excellent arrows at Arjuna and sixteen at Lord Krishna. Then he wounded their horses with three arrows each and started roaring and laughing repeatedly.॥10॥ |
|
✨ ai-generated |
|
|