श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 18: अर्जुनके द्वारा हाथियोंसहित दण्डधार और दण्ड आदिका वध तथा उनकी सेनाका पलायन  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  8.18.1 
संजय उवाच
अथोत्तरेण पाण्डूनां सेनायां ध्वनिरुत्थित:।
रथनागाश्वपत्तीनां दण्डधारेण वध्यताम्॥ १॥
 
 
अनुवाद
संजय कहते हैं - हे राजन! तत्पश्चात् पाण्डव सेना के उत्तरी भाग में रथियों, हाथियों, घोड़ों और पैदलों का दण्डवाहक द्वारा मारे जाने का शब्द गूँज उठा।
 
Sanjaya says - O King! Thereafter, in the northern part of the Pandava army, the cries of charioteers, elephants, horses and infantry being killed by the stick-bearer resounded.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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