|
|
|
श्लोक 8.11.43  |
तत: प्रववृते युद्धं नरवारणवाजिनाम्।
रथानां च महाराज अन्योन्यमभिनिघ्नताम्॥ ४३॥ |
|
|
अनुवाद |
महाराज! तत्पश्चात् मनुष्यों, हाथियों, घोड़ों और रथों में एक दूसरे पर आक्रमण करते हुए महान युद्ध आरम्भ हो गया। |
|
Maharaj! Thereafter a great battle began between men, elephants, horses and chariots attacking each other. 43. |
|
इति श्रीमहाभारते कर्णपर्वणि व्यूहनिर्माणे एकादशोऽध्याय:॥ ११॥
इस प्रकार श्रीमहाभारत कर्णपर्वमें व्यूहनिर्माणविषयक ग्यारहवाँ अध्याय पूरा हुआ॥ ११॥
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|