श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  8.11.42 
नृत्यमाने च ते सेने समेयातां परस्परम्।
तयो: पक्षप्रपक्षेभ्यो निर्जग्मुस्ते युयुत्सव:॥ ४२॥
 
 
अनुवाद
दोनों सेनाएँ मानो नाच रही हों, आपस में भिड़ गईं। युद्ध के इच्छुक योद्धा दोनों दलों के अगल-बगल से निकलकर आने लगे।
 
The two armies clashed as if dancing. The warriors who desired war started coming out from the sides and counter sides of the two formations.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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