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श्लोक 8.11.33  |
एवमेतन्महाव्यूहं व्यूह्य भारत पाण्डवा:।
तावकाश्च महेष्वासा युद्धायैव मनो दधु:॥ ३३॥ |
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अनुवाद |
हे भरतनन्दन! इस प्रकार यह महान व्यूह बनाकर पाण्डव तथा आपके महान धनुर्धर युद्ध में लग गए॥33॥ |
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Bharatnandan! Having thus formed this great array, the Pandavas and your great archers concentrated on the war. 33॥ |
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