श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 3
 
 
श्लोक  8.11.3 
संजय उवाच
कर्णस्य मतमाज्ञाय पुत्रास्ते भरतर्षभ।
योगमाज्ञापयामासुर्नन्दितूर्यपुर:सरम्॥ ३॥
 
 
अनुवाद
संजय ने कहा- भरतश्रेष्ठ! कर्ण की बात सुनकर आपके पुत्रों ने सेना को हर्षोल्लासपूर्ण वाद्यों के साथ तैयार होने का आदेश दिया॥3॥
 
Sanjay said- Bharatshrestha! Hearing Karna's opinion, your sons ordered the army to get ready with joyful musical instruments. 3॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.