श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  8.11.28 
भ्रातुरेतद् वच: श्रुत्वा पाण्डव: श्वेतवाहन:।
अर्धचन्द्रेण व्यूहेन प्रत्यव्यूहत तां चमूम्॥ २८॥
 
 
अनुवाद
अपने भाई के ये शब्द सुनकर पाण्डु पुत्र अर्जुन ने श्वेत घोड़े पर सवार होकर कौरव सेना का सामना करने के लिए अर्धवृत्ताकार संरचना में अपनी सेना बनाई।
 
Upon hearing these words of his brother, Arjuna, the son of Pandu, riding a white horse, formed his army in a semi-circle formation to face the Kaurava army.
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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