श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  8.11.23 
पश्य पार्थ यथा सेना धार्तराष्ट्रीह संयुगे।
कर्णेन विहिता वीर गुप्ता वीरैर्महारथै:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
वीर पार्थ! देखो, इस समय युद्धभूमि में धृतराष्ट्रपुत्रों की सेना की क्या दशा है? कर्ण ने वीर योद्धाओं की सहायता से उसे किस प्रकार सुरक्षित रखा है?॥ 23॥
 
Valiant Partha! See, what is the condition of the army of the sons of Dhritarashtra in the battlefield at this moment? How has Karna secured it with the help of brave warriors?॥ 23॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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