श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  8.11.22 
तथा प्रयाते राजेन्द्र कर्णे नरवरोत्तमे।
धनंजयमभिप्रेक्ष्य धर्मराजोऽब्रवीदिदम्॥ २२॥
 
 
अनुवाद
राजन! जब पुरुषश्रेष्ठ कर्ण इस प्रकार भ्रमण करने लगे, तब धर्मराज युधिष्ठिर ने अर्जुन की ओर देखकर इस प्रकार कहा -॥22॥
 
King! When the best of men, Karna, started travelling in this manner, Dharmaraja Yudhishthira looked at Arjun and said thus -॥ 22॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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