श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  8.11.18 
पादे तु दक्षिणे राजन् गौतम: सत्यविक्रम:।
त्रिगर्तै: सुमहेष्वासैर्दाक्षिणात्यैश्च संवृत:॥ १८॥
 
 
अनुवाद
राजन! व्यूह के दाहिने चरण में महाधनुर्धर त्रिगर्त और दक्षिणात्यों से घिरे हुए महाबली कृपाचार्य खड़े थे ॥18॥
 
Rajan! At the right foot of the array stood the mighty Kripacharya, surrounded by the great archer Trigarta and the Dakshinatyas. 18॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.