श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 11: कर्णके सेनापतित्वमें कौरव-सेनाका युद्धके लिये प्रस्थान और मकरव्यूहका निर्माण तथा पाण्डव-सेनाके अर्धचन्द्राकार व्यूहकी रचना और युद्धका आरम्भ  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  8.11.16 
द्रोणपुत्रस्तु शिरसि ग्रीवायां सर्वसोदरा:।
मध्ये दुर्योधनो राजा बलेन महता वृत:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
सिर पर द्रोणपुत्र अश्वत्थामा और गर्दन पर दुर्योधन के सभी भाई खड़े थे। मध्य में (कमर के भाग में) विशाल सेना से घिरा हुआ राजा दुर्योधन खड़ा था॥16॥
 
At the head stood Drona's son Ashwatthama and at the neck stood all the brothers of Duryodhan. In the middle (waist region) stood king Duryodhan surrounded by a huge army.॥16॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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