श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 1: कर्णवधका संक्षिप्त वृत्तान्त सुनकर जनमेजयका वैशम्पायनजीसे उसे विस्तारपूर्वक कहनेका अनुरोध  »  श्लोक 5-6
 
 
श्लोक  8.1.5-6 
विशेषत: सूतपुत्रो राजा चैव सुयोधन:।
दु:शासनश्च शकुनि: सौबलश्च महाबल:॥ ५॥
उषितास्ते निशां तां तु दुर्योधननिवेशने।
चिन्तयन्त: परिक्लेशान् पाण्डवानां महात्मनाम्॥ ६॥
 
 
अनुवाद
विशेषतः सूतपुत्र कर्ण, राजा दुर्योधन, दु:शासन और महाबली सुबलपुत्र शकुनि- ये चारों उस रात दुर्योधन के शिविर में रहे और महात्मा पाण्डवों को जो महान क्लेश दिये गये थे, उनका चिन्तन करते रहो॥5-6॥
 
Especially Suta's son Karna, King Duryodhana, Dushasana and the mighty Subala's son Shakuni - all four of them stayed in Duryodhana's camp that night and were the great tribulations given to Mahatma Pandavas; Keep thinking about them. 5-6॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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