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श्लोक 8.1.18  |
जनमेजय उवाच
आपगेयं हतं श्रुत्वा द्रोणं चापि महारथम्।
आजगाम परामार्तिं वृद्धो राजाम्बिकासुत:॥ १८॥ |
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अनुवाद |
जनमेजय बोले - हे ब्रह्मन्! अम्बिकापुत्र वृद्ध राजा धृतराष्ट्र को यह सुनकर बड़ा दुःख हुआ कि गंगापुत्र भीष्म और महारथी द्रोण मारे गये। |
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Janamejaya said - O Brahman! The old king Dhritarashtra, the son of Ambika, was very pained on hearing that Ganga's son Bhishma and the mighty warrior Drona had been killed. |
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