श्री महाभारत  »  पर्व 8: कर्ण पर्व  »  अध्याय 1: कर्णवधका संक्षिप्त वृत्तान्त सुनकर जनमेजयका वैशम्पायनजीसे उसे विस्तारपूर्वक कहनेका अनुरोध  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  8.1.17 
ततस्तु संजय: सर्वं गत्वा नागपुरं द्रुतम्।
आचष्ट धृतराष्ट्राय यद् वृत्तं कुरुजाङ्गले॥ १७॥
 
 
अनुवाद
तत्पश्चात् संजय तुरन्त हस्तिनापुर गया और कुरुक्षेत्र में जो कुछ हुआ था, वह सब धृतराष्ट्र को सुनाया॥17॥
 
Thereafter Sanjaya immediately went to Hastinapur and narrated to Dhritarashtra everything that had happened at Kurukshetra.॥ 17॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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