श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 165: दोनों सेनाओंका युद्ध और कृतवर्माद्वारा युधिष्ठिरकी पराजय  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  7.165.36 
तोमरं तु ततो गृह्य स्वर्णदण्डं दुरासदम्।
प्रैषयत् समरे तूर्णं हार्दिक्यस्य युधिष्ठिर:॥ ३६॥
 
 
अनुवाद
तदनन्तर युद्ध में युधिष्ठिर ने सुवर्णमय दण्ड से सुसज्जित दुर्धर्ष तोमर को हाथ में लेकर तुरन्त ही कृतवर्मा पर चलाया ॥36॥
 
Then in the battle, Yudhishthira took in his hand Durdharsha Tomar equipped with a golden stick and immediately launched it at Kritavarma. 36॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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