श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 158: दुर्योधन और कर्णकी बातचीत, कृपाचार्यद्वारा कर्णको फटकारना तथा कर्णद्वारा कृपाचार्यका अपमान  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.158.16 
ह्रियमाणे तदा कर्ण गन्धर्वैर्धृतराष्ट्रजे।
तदायुध्यन्त सैन्यानि त्वमेकोऽग्रेऽपलायिथा:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
"कर्ण! तुम्हें स्मरण है या नहीं, जब गन्धर्व दुर्योधन को बंदी बना रहे थे, उस समय सारी सेना युद्ध कर रही थी और तुम ही सबसे पहले भागे थे ॥16॥
 
"Karna! Do you remember or not, when the Gandharvas were taking Duryodhan captive, at that time the entire army was fighting and you alone were the first to flee.॥ 16॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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