श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 97-98
 
 
श्लोक  7.156.97-98 
भीमात् खलु समुत्पन्न: कुरूणां विपुले कुले॥ ९७॥
पाण्डवानामहं पुत्र: समरेष्वनिवर्तिनाम्।
रक्षसामधिराजोऽहं दशग्रीवसमो बले॥ ९८॥
 
 
अनुवाद
देख, मैं कौरवों के महान कुल में भीमसेन से उत्पन्न हुआ हूँ, मैं युद्धभूमि में कभी पीठ न दिखाने वाले पाण्डवों का पुत्र हूँ, मैं राक्षसों का राजा हूँ और दशग्रीव रावण के समान बलवान हूँ॥97-98॥
 
Behold, I am born from Bhimasena in the great clan of the Kauravas, I am the son of the Pandavas who never turn their back in the battlefield, I am the king of the demons and I am as strong as Dashagriva Ravana.॥ 97-98॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.