श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 70
 
 
श्लोक  7.156.70 
आयसानि च चक्राणि भुशुण्डॺ: प्रासतोमरा:।
पतन्त्यविरता: शूला: शतघ्न्य: पट्टिशास्तथा॥ ७०॥
 
 
अनुवाद
लोहे के चक्र, भुशुण्डि, प्रास, तोमर, शूल, शतघ्नी और पट्टिश आदि अस्त्र-शस्त्र अविराम गति से गिरने लगे ॥70॥
 
Weapons like iron disc, bhushundi, pras, tomar, prong, shataghni and pattish etc. started falling at a non-stop pace. 70॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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