श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 62-63h
 
 
श्लोक  7.156.62-63h 
तमुद्यतमहाचापं निशम्य व्यथिता नृपा:॥ ६२॥
युगान्तकालसमये दण्डहस्तमिवान्तकम्।
 
 
अनुवाद
प्रलयकाल में घटोत्कच को यमराज के समान विशाल धनुष और दण्ड धारण किये देखकर सभी राजा व्याकुल हो गए।
 
During the time of doomsday all the kings were distressed to see Ghatotkacha carrying a huge bow like that of Yamaraja holding a stick. 62 1/2
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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