वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री महाभारत
»
पर्व 7: द्रोण पर्व
»
अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय
»
श्लोक 181
श्लोक
7.156.181
पुन: शत्रुंजयं नाम द्रुपदस्यात्मजं रणे।
बलानीकं जयानीकं जयाश्वं चाभिजघ्निवान्॥ १८१॥
अनुवाद
इसके बाद उन्होंने द्रुपदकुमार शत्रुंजय, बलानीक, जयानिक और जयश्व को भी युद्धभूमि में मार डाला।
After that, he also killed Drupadakumar Shatrunjay, Balanik, Jayanik and Jayashva in the battlefield.
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.