श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.156.16 
त्वां चाप्यद्य वधिष्यामि सहपुत्रं सबान्धवम्।
तिष्ठेदानीं रणे यत्त: कौरवोऽसि महारथ:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
अब मैं तुझे तेरे पुत्रों और सम्बन्धियों सहित मार डालूँगा। तू कुरुवंश का महारथी है। अब युद्धभूमि में सावधान होकर खड़ा हो जा॥16॥
 
‘Now I will kill you along with your sons and relatives. You are a great warrior of the Kuru clan. Now stand alert on the battlefield.॥ 16॥
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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