श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 148
 
 
श्लोक  7.156.148 
ते राक्षसा: सुसंक्रुद्धा द्रोणपुत्रेण ताडिता:।
क्रुद्धा: स्म प्राद्रवन् द्रौणिं जिघांसन्तो महाबला:॥ १४८॥
 
 
अनुवाद
द्रोणपुत्र के द्वारा पीटे जाने पर महाबली राक्षस अत्यन्त क्रोध में भरकर उसे मार डालने की इच्छा से उन पर टूट पड़े।
 
After being beaten by Drona's son, the mighty demons, filled with extreme anger, ran furiously with the desire to kill him.
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.