श्री महाभारत  »  पर्व 7: द्रोण पर्व  »  अध्याय 156: सोमदत्त और सात्यकिका युद्ध, सोमदत्तकी पराजय, घटोत्कच और अश्वत्थामाका युद्ध और अश्वत्थामाद्वारा घटोत्कचके पुत्रका, एक अक्षौहिणी राक्षस-सेनाका तथा द्रुपदपुत्रोंका वध एवं पाण्डव-सेनाकी पराजय  »  श्लोक 119
 
 
श्लोक  7.156.119 
संजय उवाच
अश्वत्थामानमुक्त्वैवं तत: सौबलमब्रवीत्।
वृतं रथसहस्रेण हयानां रणशोभिनाम्॥ ११९॥
 
 
अनुवाद
संजय कहते हैं - हे राजन ! अश्वत्थामा से ऐसा कहकर दुर्योधन ने युद्ध में सुन्दर दिखने वाले घोड़ों से सुसज्जित एक हजार रथों से घिरे हुए शकुनि से इस प्रकार कहा - ॥119॥
 
Sanjaya says: O King! After saying this to Ashvatthama, Duryodhana spoke to Shakuni, who was surrounded by a thousand chariots equipped with horses that looked beautiful in a battle, thus:॥ 119॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.