|
|
|
श्लोक 7.129.21-22h  |
प्रहस्य भीमसेनोऽपि कर्णं प्रत्याद्रवद् रणे॥ २१॥
सायकानां चतु:षष्टॺा क्षिप्रकारी महायशा:। |
|
|
अनुवाद |
तत्पश्चात् वेगवान एवं तेजस्वी भीमसेन ने युद्धभूमि में मुस्कुराते हुए चौसठ बाणों द्वारा कर्ण पर आक्रमण किया। |
|
Then the swift and illustrious Bhimasena smilingly attacked Karna on the battlefield with sixty-four arrows. |
|
✨ ai-generated |
|
|