श्री महाभारत  »  पर्व 6: भीष्म पर्व  »  अध्याय 5: पंचमहाभूतों तथा सुदर्शनद्वीपका संक्षिप्त वर्णन  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  6.5.8 
अन्योन्यं नाभिवर्तन्ते साम्यं भवति वै यदा॥ ८॥
 
 
अनुवाद
जब ये पाँचों गुण साम्यावस्था में होते हैं, तब वे एक दूसरे से संयोग नहीं करते ॥8॥
 
When these five qualities are in equilibrium, they do not combine with each other. ॥ 8॥
 ✨ ai-generated
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.