वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री महाभारत
»
पर्व 6: भीष्म पर्व
»
अध्याय 5: पंचमहाभूतों तथा सुदर्शनद्वीपका संक्षिप्त वर्णन
»
श्लोक 8
श्लोक
6.5.8
अन्योन्यं नाभिवर्तन्ते साम्यं भवति वै यदा॥ ८॥
अनुवाद
जब ये पाँचों गुण साम्यावस्था में होते हैं, तब वे एक दूसरे से संयोग नहीं करते ॥8॥
When these five qualities are in equilibrium, they do not combine with each other. ॥ 8॥
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.